खुले शरीर धूप में न निकलें। धूप में बाहर निकलते समय सिर को ढक कर रखें। सफेद या हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें। आंखों पर धूप का चश्मा लगाएं और हो सके तो छाते का भी इस्तेमाल करना चाहिए।
ठंडे स्थान से अचानक गर्म स्थान पर न जाएं। खासकर एसी में बैठने के तुरंत बाद धूप में बाहर न निकलें। कम से कम 15 - 20 मिनट एसी बंद करके बाहर निकलें।
गर्मियों में रोजाना कच्ची प्याज खाएं। गर्मियों में जब भी धूप में बाहर जाना हो तो अपनी जेब में एक छोटा प्याज जरूर रखें। प्याज आपको लू से बचाएगा।
गर्मी के मौसम में लू से बचने के लिए कैरी (कच्चे आम) का पना या जूस पीना बहुत फायदेमंद होता है। कच्चे आम के रस में अगर जीरा, धनिया, चीनी, नमक, काली मिर्च मिला दिया जाए तो इसके गुण और बढ़ जाते हैं।
गर्मियों में ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। गर्मी में पसीने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती है।
गर्मियों में धूप में बाहर जाते समय कभी भी खाली पेट बाहर नहीं जाना चाहिए, क्योंकि खाली पेट शरीर में गर्मी बढ़ जाती है।
धूप से आने के बाद या लू लगने पर थोड़ा सा प्याज का रस शहद में मिलाकर रोगी को पिलाने से लू लगने का खतरा तुरंत कम हो जाता है।
लू लगने की स्थिति में कच्ची लौकी को तलवों पर मलने से तुरंत आराम मिलता है। लौकी शरीर की गर्मी को बाहर निकाल देती है। अगर लौकी मुरझा जाए तो इसका मतलब शरीर की गर्मी कम हो रही है।
लू लगने पर जौ का आटा और पिसा हुआ प्याज मिलाकर शरीर पर लगाएं। इससे लू के थपेड़ों में निश्चित तौर पर राहत मिलेगी।
गर्मियों में जब भी पानी पिएं तो मिट्टी के घड़े या सुराही पिएं। फ्रिज या बर्फ का पानी नहीं पीना चाहिए।
गर्मियों में ज्यादा पसीना निकलने से डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। इसलिए गर्मियों में जब भी घर से निकले तो पानी, शरबत, या नीबू पानी पीकर ही निकले।
लू लगने की स्थिति में तुरंत योग्य चिकित्सक को दिखाना चाहिए। डॉक्टर के पास जाने से पहले कुछ प्राथमिक उपचार करने पर भी लू के रोगी को राहत महसूस होने लगती है।
यह लेख केवल जानकारी है। किसी भी प्रकार के नुकसान के लिए ब्लॉगर या लेखक जिम्मेदार नहीं है। कृपया डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह लें।
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