गणतंत्र दिवस के मौके पर आपका बच्चा भी लेता है स्कूल प्रोग्राम में भाग तो इस तरह बढ़ाएं अपने बच्चे का आत्मविश्वास
गणतंत्र दिवस के मौके पर आपका बच्चा भी लेता है स्कूल प्रोग्राम में भाग तो इस तरह बढ़ाएं अपने बच्चे का आत्मविश्वास
भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। तब से भारत में हर साल 26 जनवरी के दिन को गणतंत्र दिवस या रिपब्लिक डे के तौर पर मनाया जाता है।
वैसे तो भारत 1947 में आजाद हो गया, लेकिन आजादी के करीब तीन साल बाद 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ और भारत एक गणतांत्रिक राष्ट्र बन गया।
26 जनवरी को लोग बड़े गर्व के साथ मनाते हैं। इसलिए इस खास दिन को राष्ट्रीय त्योहार के तौर पर मनाया जाता है। गणतंत्र के इस खास मौके पर स्कूलों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों सहित सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों में ध्वजारोहण किया जाता है।
साथ ही इस खास मौके पर मंच पर भाषण और कविता पाठ जैसे कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इसे लेकर बच्चे और बड़े सभी काफी उत्साहित रहते है।
स्कूलों में भी सभी छात्र-छात्राएं गणतंत्र दिवस के मौके पर स्कूल प्रोग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। चाहे मंच पर भाषण देना हो या देशभक्ति के गाने गाना हो या डांस करना हो, इन सभी कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए हर कोई उत्सुक रहता है।
लेकिन कई बार ऐसा होता है कि बच्चे 26 जनवरी के स्कूल परफॉर्मेंस में हिस्सा तो लेना चाहते हैं लेकिन उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है। इसके कारण वे अपने परफॉर्मेंस में हिस्सा नहीं लेते और अगर लेते भी हैं तो परफॉर्मेंस करने से डरते हैं और डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में उनका प्रदर्शन भी ख़राब हो जाता है।
ऐसे में अगर आपका बच्चा भी गणतंत्र दिवस के मौके पर किसी स्कूल कार्यक्रम में परफॉर्म करता है और बच्चे में आत्मविश्वास की कमी है तो माता-पिता को इस पर ध्यान देना चाहिए.
ऐसे में अगर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा गणतंत्र दिवस के मौके पर स्कूल के कार्यक्रम में अच्छा प्रदर्शन करे, तो वे बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कुछ ट्रिक्स और तरीके अपना सकते हैं।
दूसरे बच्चों से तुलना ना करें
अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से उनमें हीन भावना विकसित हो जाती है। बच्चे ख़ुद को दूसरों से कमज़ोर समझने लगते हैं।
स्कूल में परफॉर्म करते वक्त भी उनके मन में हमेशा यही ख्याल रहता था कि मेरा परफॉर्मेंस कभी भी दूसरे दोस्तों से खराब न हो।
इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों को प्रेरित करते रहना चाहिए। कभी भी उनकी तुलना दूसरे बच्चों से न करें।
स्कूल प्रोग्राम में हिस्सा लेने पर करे तारीफ
जब आपका बच्चा गणतंत्र दिवस पर किसी स्कूल कार्यक्रम में भाग लेता है, तो उसके प्रयासों की सराहना करें। माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चे को कार्यक्रम में भाग लेने में कोई झिझक न हो।
जब आप बच्चे की तारीफ करेंगे तो उसे परिवार का सहयोग मिलेगा जिससे बच्चा स्कूल के कार्यक्रमों में जिज्ञासु और प्रेरित रहेगा। जब बच्चा आत्मविश्वासी रहेगा तो वह स्कूल के किसी भी आगामी कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लेगा।
बच्चे की प्रैक्टिस पर ध्यान दें
अगर आप चाहते है की आपका बच्चा स्कूल प्रोग्राम में सबसे बेस्ट परफॉर्म करे तो आपको बच्चे की प्रैक्टिस पर भी ध्यान देना चाहिए।
आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके बच्चों को स्कूल और घर पर अच्छी प्रैक्टिस का समय मिल रहा है या नहीं।
स्कूल शिक्षक से पूछते रहें कि बच्चा कार्यक्रम के लिए कैसे तैयारी कर रहा है। बच्चे को घरेलू काम में शामिल न करें और उसे स्कूल कार्यक्रम की तैयारी करने दें। अगर बच्चा घर पर अभ्यास करता है तो उस समय बच्चे पर ध्यान दें। उसकी प्रशंसा करें और उसकी गलतियों को सुधारें
बच्चों की क्षमता को पहचानें
सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा स्कूल के सभी बच्चों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करे। लेकिन माता-पिता को अपने बच्चों पर अपनी महत्वाकांक्षाओं का बोझ नहीं डालना चाहिए।
सभी माता-पिता को अपने बच्चों की क्षमता को पहचानना चाहिए। बच्चों को उनकी क्षमता के अनुसार स्कूल के कार्यक्रम का अभ्यास कराएं।
अगर आप बच्चों की क्षमता को नहीं समझेंगे तो बच्चा लौ कॉन्फिडेंस का शिकार हो जाएगा।
बच्चे का इंटरेस्ट जाने
माता-पिता के लिए यह जानना जरूरी है कि बच्चे की रुचि किस स्कूल कार्यक्रम में है। कभी-कभी घबराहट या माता-पिता, स्कूल मित्रों और शिक्षकों के दबाव के कारण वह गलत कार्यक्रम में भाग लेता है।
जिसके कारण उसके प्रदर्शन का स्तर गिर जाता है। यदि बच्चा गायन में अच्छा है तो उसे गायन ही करना चाहिए न कि नृत्य या भाषण जैसे स्कूल के कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए।