सौंफ खाने के लाजवाब फायदे और खाने के नुकसान
सौंफ खाने के लाजवाब फायदे और खाने के नुकसान | Amazing benefits and disadvantages of eating fennel In Hindi
नमस्कार दोस्तों, पिछले पोस्ट में हमने सौंफ के बारे में रोचक जानकारी के साथ-साथ इसमें पोषक तत्व क्या हैं, पढ़ा। तो आज हम जानेंगे सौंफ खाने के लाजवाब फायदे और नुकसान के बारे में।
सौंफ खाने की प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है क्योंकि माउथ फ्रेशनर होने के साथ-साथ इसमें कई पोषक तत्व भी होते हैं।
उदाहरण के लिए कैल्शियम, सोडियम, फॉस्फोरस, आयरन और पोटेशियम आदि। सौंफ विटामिन सी से भरपूर होती है। इसके साथ ही इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल गुण भी होते हैं। पेट, आंख, दिमाग, लीवर, हर्निया, मधुमेह, बाल, त्वचा संबंधी समस्याओं में सौंफ खाने से लाभ होता है।
इसका वैज्ञानिक नाम फोनीकुलम वल्गारे (Foeniculum Vulgare) है। तो Takecareeveryday के इस लेख में हम सौंफ खाने के लाजवाब फायदे और खाने के नुकसान के बारे में विस्तार से बात करते हैं।
विषय सूची
- सौंफ खाने के लाजवाब फायदे – Amazing benefits of eating fennel seeds In Hindi
- सौंफ खाने के नुकसान – side effects of eating fennel in Hindi
सौंफ खाने के लाजवाब फायदे –
- पाचन स्वास्थ्य में सुधार करता है – सौंफ का उपयोग आयुर्वेदिक विज्ञान और वैदिक चिकित्सा में बड़े पैमाने पर किया जाता है। सौंफ के बीजों का तासीर ठंढी होती है। ये बीज अपने पाचन गुणों के लिए जाने जाते हैं। सौंफ शरीर में अतिरिक्त गर्मी और एसिड को ठंडा करता है। इसे एक प्राकृतिक वायुनाशक माना जाता है। यह विशेष रूप से इर्रिटेबल बाउल डिजीज (IBD), रिफ्लक्स और अम्लता को कम करने में उपयोगी है।
- दिमाग के लिए फायदेमंद – सौंफ दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसके सेवन से शरीर में बनने वाले हैप्पी हार्मोन का स्राव अधिक होता है। इसकी खुशबू दिमाग को शांत करने का काम करती है। सौंफ में जीवाणुरोधी(antibacterial) गुण होते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है। इसमें मौजूद विटामिन-सी ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करता है, जिससे उम्र बढ़ने में दिमागी परेशानी काफी हद तक कम हो सकती है। विटामिन-ई एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता है और ऑक्सीडेटिव तनाव से कोशिकाओं को होने वाले नुकसान को रोक सकता है।
- सांसों की दुर्गंध दूर करे – सौंफ में एक विशिष्ट सुगंधित तेल होता है जिसमें जीवाणुरोधी गुण होते हैं। जो आपकी सांसों को तरोताजा करने में मदद करते हैं। मीठी सौंफ लार के स्राव को बढ़ाती है, जो हानिकारक बैक्टीरिया को मारने में मदद करती है। सांसों की दुर्गंध से निपटने के लिए यह एक सरल और प्रभावी घरेलू उपाय है। 5 से 10 सौंफ खाने से आपकी सांसों में ताजगी आ सकती है।
- रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक – ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सौंफ अद्भुत काम कर सकती है। सौंफ के बीज पोटेशियम से भरपूर होते हैं जो रक्तप्रवाह में द्रव की मात्रा को नियंत्रित करते हैं। यह आपके हृदय गति और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, सौंफ लार में नाइट्राइट के स्तर को बढ़ाती है। नाइट्राइट एक प्राकृतिक तत्व है जो रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित रखता है। इसके अलावा मैग्नीशियम भी उच्च मात्रा में पाया जाता है, जो महिलाओं में उच्च रक्तचाप (blood pressure) के जोखिम को कम कर सकता है।
- त्वचा को चमकदार बनाती है – कच्ची सौंफ विटामिन सी का एक श्रेष्ठ स्रोत है। विटामिन सी त्वचा की सहायक प्रणाली, कोलेजन(एक प्रोटीन होता है, जो हमारी स्किन को जवां रखता है) के लिए आवश्यक है। यह सूरज, प्रदूषण और धुएं से होने वाले नुकसान को रोकने में मदद करने के लिए एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में भी काम करता है। विटामिन सी झुर्रियों को सुचारू करने और त्वचा की समस्त बनावट में सुधार करने के लिए कोलेजन की क्षमता को भी बढ़ावा देता है। यह मुंहासों का इलाज करती है और आपकी त्वचा को चमकदार बनाती है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीएलर्जिक गुण त्वचा की सुंदरता को बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं।
- आंखों की रोशनी बढ़ाएं – आंखों की छोटी-मोटी समस्याओं से निजात दिलाने में भी सौंफ काफी उपयोगी साबित हो सकती है। आंखों में जलन हो या खुजली हो रही हो तो सौंफ की भाप आंखों पर लगाने से आराम मिल सकता है। इसमें विटामिन ए और विटामिन-सी होता है जो आंखों के लिए जरूरी विटामिन है। ऐसे में सौंफ का सेवन बुढ़ापे में भी आपकी आंखों की रोशनी को प्रभावित होने से बचा सकता है।
- वजन कम करने में मददगार – सौंफ weight management plan में शामिल करने के लिए एक उपयोगी आहार है। यह कैलोरी में कम लेकिन स्वाद से भरपूर है। सौंफ फाइबर से भरपूर होती हैं और वजन घटाने में मदद कर सकती हैं और भूख को दूर रख सकती हैं। सौंफ के बीज मूत्रवर्धक के रूप में काम करते हैं और चयापचय (metabolism) में सुधार करते हैं। संतुलित आहार और कसरत के साथ रोजाना सौंफ का सेवन करने से आपको अतिरिक्त वजन जल्दी कम करने में मदद मिलती है। बेहतर परिणाम पाने के लिए आप खाली पेट गर्म पानी के साथ भुनी हुई सौंफ का पाउडर ले सकते हैं।
- अस्थमा और अन्य श्वसन रोगों को कम करती है – मिस्र के एक शोध के अनुसार सौंफ का इस्तेमाल सदियों से सांस लेने में तकलीफ को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। यह ब्रोन्कियल मार्ग को साफ करता है और श्वास क्रिया को बनाए रखता है जो अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और रक्त जमाव को कम करने में मदद करता है। न्यूट्रिशनल ज्योग्राफी की वेबसाइट के अनुसार सौंफ फेफड़ों की सेहत के लिए फायदेमंद होती है। साथ ही सौंफ में पाए जाने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स (phytonutrients) अस्थमा के लिए भी फायदेमंद हो सकते हैं।
- कॉलेस्ट्रोल – सौंफ में फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है। फाइबर कोलेस्ट्रॉल को रक्त में घुलने से रोकता है जिससे हृदय संबंधित रोगों को रोकने में मिलती है।
- मासिक धर्म की समस्या से पाएं राहत – सौंफ में इमेनगॉगनामक एक यौगिक होता है जो मासिक धर्म को नियंत्रित करने में मदद करता है। मासिक धर्म शुरू होने से पहले पेट में दर्द और ऐंठन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। मासिक धर्म की इन समस्याओं से निजात दिलाने में सौंफ कुछ हद तक फायदेमंद साबित हो सकती है। हालाँकि, यह आवश्यक नहीं है कि सभी को इसका लाभ मिले किसी को इससे लाभ हो सकता है और कुछ को नहीं। यह व्यक्ति के शरीर पर निर्भर करता है।
- मधुमेह से बचाए – सौंफ के बीज फाइबर से भरपूर होते हैं। खाने में भरपूर मात्रा में फाइबर, विशेष रूप से घुलनशील फाइबर का सेवन करने से रक्त में blood sugar levels का सुधार होता है और टाइप 2 मधुमेह का जोखिम कम करने में मदद मिल सकती है। यह भी दावा किया जाता है कि सौंफ के बीज में एक और एंटीऑक्सीडेंट(बीटा-कैरोटीन) मौजूद होता है जो टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।
- स्वस्थ लीवर के लिए – सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट और अन्य मिनरल्स पाए जाते हैं, जो लीवर को स्वस्थ रखने में मददगार साबित होते हैं। सौंफ में सेलेनियम भी होता है, जो लीवर की क्षमता को बढ़ाता है और शरीर से हानिकारक पदार्थों को निकालने में मददगार हो सकता है। फाइबर और विटामिन सी से भरपूर सौंफ आपके लीवर को हानिकारक रसायनों से बचाने में मदद करती है।
- सर्दी और खांसी के लिए सौंफ – सौंफ के बीज विटामिन सी से भरपूर होते हैं। विटामिन सी में मजबूत प्रतिरक्षा-बढ़ाने(immune-boosting) वाले गुण होते हैं। सौंफ में antioxidant, antimicrobial and anti-inflammatory के गुण होते है जो जो सर्दी, खांसी और फ्लू के जोखिम को कम करने में मदद करता है और तुरंत राहत प्रदान करता है।
- कब्ज से राहत – सौंफ आंत की मांसपेशियों को भी आराम दे सकती है, जिससे कब्ज दूर करने में मदद मिल सकती है। सौंफ कब्ज या एसिड रिफ्लक्स के कारण होने वाली गैस से पेट और आंतों को राहत देती है।
- स्तनपान के लिए लाभदायक – इसमें एथेनॉल नामक तत्व होता है, जो एक फाइटोएस्ट्रोजन (phytoestrogen) है और महिलाओं की दूध उत्पादन की क्षमता को बढ़ाता है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि सौंफ स्तन की सूजन को कम करने में मददगार हो सकती है, लेकिन अभी तक वैज्ञानिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
- अच्छी नींद के लिए – सौंफ में मैग्नीशियम पाया जाता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह यह मांसपेशियों को आराम देती है और अच्छी नींद और नींद के समय को बढ़ाता है।
- हर्निया के उपचार में सहायक – चीनी पारंपरिक चिकित्सा में हर्निया के इलाज के लिए सौंफ़ का उपयोग किया गया है, और कुछ स्रोत इसकी पुष्टि करते हैं। हालांकि यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है कि हर्निया के इलाज में सौंफ कारगर है या नहीं, इलाज के तौर पर इसका इस्तेमाल करने से पहले आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
- मॉर्निंग सिकनेस – सौंफ गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस से राहत दिलाने में मदद कर सकती है। उल्टी और जी-मिचलाना मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण होते हैं और आमतौर पर ये लक्षण प्रेगनेंसी के चौथे सप्ताह में दिखने लगते हैं । सौंफ को चबाने से भी मॉर्निंग सिकनेस के कारण होने वाले पेट की ख़राबी को दूर करने में मदद मिल सकती है। आप रोज रात को सोने से पहले कुछ सौंफ खा सकते हैं।
- कैंडिडा से बचाए – कैंडिडा एक प्रकार का कवक है जो शरीर के अन्य भागों जैसे मुंह, नाक और कान में हो सकता है। हालांकि यह हानिकारक नहीं है, लेकिन अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह बढ़ सकता है और समस्याएं पैदा कर सकता है। सौंफ में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण कैंडिडा से बचाव कर सकते हैं।
- बालों का ध्यान रखे – सौंफ एंटीऑक्सिडेंट (antioxidants) और फाइटोन्यूट्रिएंट्स (phytonutrients) से भरपूर होती है जो आपके बालों के लिए बहुत अच्छा होता है। बालों के झड़ने से लेकर स्कैल्प इन्फेक्शन तक, सौंफ आपके बालों की कई समस्याओं से निपटने में आपकी मदद कर सकती है। सौंफ में विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम होता है, जो आपके पोर्स को पोषण देता है। इससे बालों को मजबूती मिलती है। साधारणतया पोषक तत्वों की कमी के कारण आपके बाल पतले और झड़ने लगते हैं। सौंफ के तेल के इस्तेमाल से आपके बालों को जरूरी पोषण मिलता है।
- इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक – सौंफ विटामिन सी से भरपूर होती है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कई गुना बढ़ा सकती है । इसमें एंटीऑक्सिडेंट भी भरपूर होता है। कोरोना काल में कई लोगों ने अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी सौंफ के पानी का इस्तेमाल किया है।
- शरीर को डिटॉक्स करने के लिए – सौंफ के बीज शरीर को डिटॉक्सीफाई करने के लिए बहुत अच्छे होते हैं, जो खून को साफ करने में मदद करते हैं। इसके रोजाना सेवन करने से शरीर में जमा कई विषैले तत्व अपने आप शरीर से बाहर निकल जाएंगे।
- एनीमिया के लक्षणों में सुधार कर सकते हैं – सौंफ में हिस्टिडीन (histidine) और आयरन (iron) नामक अमीनो एसिड होता है। इसके अलावा इसमें उच्च मात्रा में फाइबर और मैग्नीशियम होता है जो शरीर में आवश्यक हीमोग्लोबिन स्तर को बनाए रखने और एनीमिया से लड़ने में मदद करता है।
- स्वस्थ हृदय बनाए रख सकते हैं – सौंफ में फाइबर, पोटेशियम, फोलेट, विटामिन सी, विटामिन बी -6 और फाइटोन्यूट्रिएंट आदि पाए जाते है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करके हृदय को स्वस्थ रखता है । सौंफ में उच्च मात्रा में फाइबर होता है जो हृदय रोग के जोखिम को कम करता है। पोटेशियम भी दिल की सेहत के लिए अच्छा होता है । एक अध्ययन में, प्रति दिन लगभग 1,793 मिलीग्राम का सेवन करने वालों की तुलना में, जो लोग प्रति दिन 4,069 मिलीग्राम पोटेशियम का सेवन करते थे, उनमें इस्केमिक (ischemic) हृदय रोग से मृत्यु का 49 प्रतिशत कम जोखिम था।
- सूजन कम करें – हर्बलिस्ट के अनुसार, सौंफ के बीज पाचन के लिए बहुत फायदेमंद हैं। यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम की चिकनी मांसपेशियों को आराम देने और गैस, सूजन और पेट में ऐंठन को कम करने में मदद कर सकता है। सौंफ में मौजूद एक अन्य अमीनो एसिड एसपारटिक (aspartic) एसिड है, जो पेट फूलने से राहत देता है। सौंफ का अर्क पेट फूलने को कम करने और बच्चों में पेट से गैस को बाहर निकालने के लिए सुरक्षित है।
सौंफ खाने के नुकसान – Side Effects of eating fennell in Hindi
वैसे तो सौंफ का उपयोग हजारों वर्षों से प्राकृतिक चिकित्सा में उपचार के रूप में किया जाता रहा है। लेकिन इसका सेवन मौसम, शरीर की मात्रा, रोग और क्षमता के अनुसार ही करना चाहिए।
सौंफ के संबंध में ध्यान देने योग्य सावधानियां शामिल हैं –
- सौंफ की तासीर ठंडी होती है, इसलिए इसका अधिक सेवन शरीर पर नकारात्मक प्रभाव भी दिखा सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को सौंफ का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। इसमें एस्ट्रोजेनिक गुण होते हैं जो बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकता हैं।
- अगर आप सौंफ का अधिक सेवन करते हैं तो यह आपकी त्वचा को अधिक संवेदनशील बनाता है। इसके बाद आपको धूप में निकलने में परेशानी हो सकती है। त्वचा पर रैशेज दिखने लगते हैं।
- स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सौंफ के अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि यह बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
- यदि आपको मधुमेह या हाइपोग्लाइसीमिया है तो अतिरिक्त सावधानी बरतें, क्योंकि सौंफ रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकती है।
- सौंफ के अधिक सेवन से एलर्जी हो सकती है।
- अगर आप किसी भी तरह की दवाई का सेवन करते हैं तो सौंफ का अधिक मात्रा में सेवन करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- सौंफ दौरे के जोखिम को बढ़ा सकती है। इसलिए अगर आपको मिर्गी या किसी अन्य प्रकार का दौरा विकार है तो आपको सौंफ का सेवन नहीं करना चाहिए।
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